ए खुदा,जब उसे मिलना ही नहीं था,तो उससे पहले मिलाया ही क्यूँ था।
अब बेबस ही करना था , तो पहले अर्मानों को जगाया ही क्यूँ था।।
उसका नाम मेरे नसीबों में नहीं था , तो लकीरों में लिखा ही क्यूँ,
जो होना हक़ीक़त में गवारा ही नहीं था, तो वो ख्वाब दिखाया ही क्यूँ था।।
©निर्मोही साहिल
#Hosh_khona