मैं अच्छाई छोड़कर, बुराई पर गई थी उसकी मोहब्बत देख | हिंदी Shayari Vid

"मैं अच्छाई छोड़कर, बुराई पर गई थी उसकी मोहब्बत देखने तन्हाई में गई थी डूबा दिया उसने खुद के, अंदर मुझको मैं गहरे दरिया की, गहराई में गई थी उसके होंठों की हसी,रूक नहीं रही थी मैं ख़ुद रोने उसकी, सगाई पर गई थी कभी ना होती मौत,उसके कैदखाने में मर तो मैं खुद की, रिहाई पर गई थी नहीं हुई मोहब्बत,फिर कभी किसी से मैं एक बेवफा की, दिल लगी पर गई थी ©Ashwini "

मैं अच्छाई छोड़कर, बुराई पर गई थी उसकी मोहब्बत देखने तन्हाई में गई थी डूबा दिया उसने खुद के, अंदर मुझको मैं गहरे दरिया की, गहराई में गई थी उसके होंठों की हसी,रूक नहीं रही थी मैं ख़ुद रोने उसकी, सगाई पर गई थी कभी ना होती मौत,उसके कैदखाने में मर तो मैं खुद की, रिहाई पर गई थी नहीं हुई मोहब्बत,फिर कभी किसी से मैं एक बेवफा की, दिल लगी पर गई थी ©Ashwini

तन्हाई..
#Love #Life

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