White एक बेटी जो अपने काम मे होशियार थी
।एक डॉक्टर की भूमिका अच्छे से निभा रही थी
उसे हैवानों ने मौत के घाट उतार दिया यही। नही इससे पहले उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ
हैरानी की बात ये है की इसमें कुछ लड़कियां भी शामिल थी ।आज इंसान अपना स्तर इस्कदर गिरा चुका है बदला लेने के लिए कुछ भी कर सकता है
जिस प्रकार उस बिटिया के साथ बर्बरता की गई उसके लिए मौत भी कम सजा है
उन्हें बीच चौराहे पर ला कर उनका गुप्तांग काट कर छोड़ देना चाहिए।जिससे उन्हें जिंदगी भर अपनी गलती का आभास होता रहे ।लेकिन इसके लिए हम लोग ही दोषी है ।अगर हम सचेत रहे तो ऐसी घटनाओं का क्रम रोका जा सकता है
जहां कहीं भी ऐसा लगे की किसी महिला को लड़की या बच्चियों को आपके मदद की जरूरत है तो आगे बढ़कर मदद करे ।अगर ऐसा होता है तो ऐसा जघन्य अपराध करने वाले सौ बार सोचेंगे ।हमे कानूनी प्रक्रिया को मानना चाहिए मगर कुछ निर्णय नही निकलता है तो एक ऑप्शन है जैसे को तैसा।जिस प्रकार उस बिटिया को मारा गया उससे भी भयानक मौत देनी चाहिए इन हैवानो को ।कैंडल मार्च तख्तियां लेकर चलने से इंसाफ नहीं मिलता । अब समय है बेटियों के हाथों मे फरसा टंगारी थामने का ।उन्हे ये समझने का वो एबलर नही है ।जब कोई राक्षस तुम्हारी अस्मिता पर वार करे उसे उसी क्षण निस्तेनाबूत कर देना चाहिए।नारी सशस्क्ति करण की बात ठीक है मगर उसे अमल मे भी लाना चाहिए।पहले निर्भया और फिर ये बहादुर बिटिया जिसको हैवानों ने अपनी हवस मिटाने के लिए हद से ज्यादा प्रताड़ित किया।आए हम सभी सोशल मीडिया को हथियार बनाए और गूंगी बहरी ममता सरकार को विवश कर दे की वो कदम उठाने पर मजबूर हो या फिर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा सौंप दे ।आज हमे ये साबित करना है की देश की बेटी अकेली नही है उसके हम सभी खड़े है।
©sushil
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