चेहरा तो खुबसुरत पा लिये खुदा से एहसान मानो,
एक दिल था जिसकी खुबसुरती ना कभी गढ़ पाये तुम।
तुम सारा काम कर लोगे,पर क्या खा़क मोहब्बत करोगे,
जो बोले जुबाँ से पहले,वो आँखें ही ना कभी पढ़ पाये तुम।
साकेत ठाकुर
# चेहरा तो खुबसुरत पा लिये खुदा से एहसान मानो,
एक दिल था जिसकी खुबसुरती ना कभी गढ़ पाये तुम।
तुम सारा काम कर लोगे,पर क्या खा़क मोहब्बत करोगे,
जो बोले जुबाँ से पहले,वो आँखें ही ना कभी पढ़ पाये तुम।
साकेत ठाकुर