तु बोल मेहंदी रची तो है
तेरी खूनी कातिल हाथों में,
तुम बोल चूड़ा जचा तो है
उन छोड़ने वाले हाथों में,
तेरे माथे पे बिंदी होगी
अरमानों के जल जाने की,
तु बोल नथिया सजी तो है
कैदी दिल पाश दीवाने की,
तेरी फुलकारी लाल दुपट्टे के
जड़ी में टूटे दिल होंगें,
तेरी हाथों की मेंहदी लाल बहुत
खूनो के अंश भरें होंगें,
वो हवन कुंड में आग जलेगा
किसी के धर जल जानें की,
तेरी शहनाई भी मातम होगी
किसी खास कोई दिवाने की,
वेदियों पे मंत्र पढ़ें जाएंगे
और धर होंगें बर्बाद कई,
फिभी दिल दुआ निकलना है बस
तु रह सदा आवाद सही।
©Avinash Kr. Jha (अवि)