White पल्लव की डायरी
कई उंगलियां उठती हम पर
बेगाना जग ने बना रखा है
स्वीकार नही साईकिल वालो का अंदाज
प्यार अमीरी गरीबी में बांट रखा है
चले अब हम अपने कदमो से
नफरती दुनिया ने हमारे नजरिया को
कत्ल करने का इरादा बना रखा है
नापते रहते पैमाना, हजार उलझन देकर
रीत रिवाज के नाम पर प्रदर्शन होता है
हजारो करोड़ो की बर्बादी के बाद
शर्तो पर प्यार जिंदा रहता है
घुटन भरी राह रोड़ा बनती
समझ और समर्पण मर जाता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#love_shayari शर्तो पर प्यार जिंदा रहता,समझ और समर्पण मर जाता है
#nojotohindi