हार अकेला चना, जोश में चला, फोड़ने भाड़! सफलता मि | हिंदी कविता

"हार अकेला चना, जोश में चला, फोड़ने भाड़! सफलता मिली, कयोंकि उसमें थीं, दरारें चार! जिसे भूल गया था, भरना कुम्हार! ऒर हो ग‌ई, करारी हार! ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"

 हार
अकेला चना, 
जोश में चला,
फोड़ने भाड़!
सफलता मिली,
कयोंकि उसमें थीं,
दरारें चार!
जिसे भूल गया था,
भरना कुम्हार!
ऒर हो ग‌ई,
करारी हार!

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

हार अकेला चना, जोश में चला, फोड़ने भाड़! सफलता मिली, कयोंकि उसमें थीं, दरारें चार! जिसे भूल गया था, भरना कुम्हार! ऒर हो ग‌ई, करारी हार! ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#हार

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