White हम अपने मुस्तक़िल के पैकान ही रहे
वाज़िब सा ,दर्द था सबब हैरान ही रहे
यूँ ही यक़ीन अब ना आँखो पे कीजिये
लहेज़ तलल्ख़ करके सब बीरान ही रहे
वैसे तो इल्म तुमको, हर बात का रहा
बस जख्म भर गए, बुलंद इम्कान ही रहे
C@R shivam mishra
पैकान = नुकीला
इम्कान = सामर्थ्य
आप सभी मित्रो को शुभ दीपावली...... ❤️🙏🥰🕉️
©Shivam mishra
#diwali_wishes अdiति @Kshitija काव्य महारथी Prashu_ @R Ojha
#diary
#SAD