तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! | हिंदी Poetry

"तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! आकर थाम लो मुझे तुम गले अपने लगा लो, जी भर के रो लू मैं आज तुम्हारे कांधे सिर रख के।। थक गई बोझ ढोते ढोते इस जिंदगी का, अब नहीं बल मुझमें लड़ने का, आकर ले जाओ मेरे सखा तुम भी नहीं यहां कोई हमारा।। व्यर्थ भटक रही थी मैं माया भरे संसार में, ठोकर खाकर समझ आया है नहीं कोई अपना इस मिथ्या भरे जगत में।। आओ कृष्ण अब ले जाओ मुझे तुम साथ अपने, कर रही इंतजार कबसे ये सखी तुम्हारी।। 😭😭😭 ©Heer"

 तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! 
आकर थाम लो मुझे तुम गले अपने लगा लो,
जी भर के रो लू मैं आज तुम्हारे कांधे सिर रख के।। 
थक गई बोझ ढोते ढोते इस जिंदगी का,
अब नहीं बल मुझमें लड़ने का,
आकर ले जाओ मेरे सखा तुम भी नहीं
यहां कोई हमारा।।
व्यर्थ भटक रही थी मैं माया भरे संसार में,
ठोकर खाकर समझ आया है नहीं कोई अपना 
इस मिथ्या भरे जगत में।। 
आओ कृष्ण अब ले जाओ मुझे तुम साथ अपने,
कर रही इंतजार कबसे ये सखी तुम्हारी।।
😭😭😭

©Heer

तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! आकर थाम लो मुझे तुम गले अपने लगा लो, जी भर के रो लू मैं आज तुम्हारे कांधे सिर रख के।। थक गई बोझ ढोते ढोते इस जिंदगी का, अब नहीं बल मुझमें लड़ने का, आकर ले जाओ मेरे सखा तुम भी नहीं यहां कोई हमारा।। व्यर्थ भटक रही थी मैं माया भरे संसार में, ठोकर खाकर समझ आया है नहीं कोई अपना इस मिथ्या भरे जगत में।। आओ कृष्ण अब ले जाओ मुझे तुम साथ अपने, कर रही इंतजार कबसे ये सखी तुम्हारी।। 😭😭😭 ©Heer

मेरे सखा मेरे कृष्ण! आओ अब ले जाओ मुझे इस माया भरे जगत से !!😭🙏

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