सुखार्थ सर्वभूतानां मता: सर्वाप्रवृत्तय : । स

"सुखार्थ सर्वभूतानां मता: सर्वाप्रवृत्तय : । सुख नास्ति विना धर्म तस्यात् धर्मपरो भव ।। अर्थात - सभी प्राणियो की प्रवृत्ति सुख के लिए होती हैं, और धर्म के बिना सुख नहीं मिलता इसलिए धर्मपरायण बनो ।"

 सुखार्थ सर्वभूतानां मता: सर्वाप्रवृत्तय : ।
     सुख नास्ति विना धर्म तस्यात् धर्मपरो भव ।।        अर्थात -      
  सभी प्राणियो की प्रवृत्ति सुख के लिए होती हैं, और धर्म के बिना सुख नहीं मिलता इसलिए धर्मपरायण बनो ।

सुखार्थ सर्वभूतानां मता: सर्वाप्रवृत्तय : । सुख नास्ति विना धर्म तस्यात् धर्मपरो भव ।। अर्थात - सभी प्राणियो की प्रवृत्ति सुख के लिए होती हैं, और धर्म के बिना सुख नहीं मिलता इसलिए धर्मपरायण बनो ।

#संस्कृतम् #सुभाषतानि #श्लोक #संस्कृत

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