जीवन में सहे हैं कितने भूचाल मत पूछो
कितनी खुशी,कितना है मलाल मत पूछो।
सुना दूं मैं जो अपना किस्सा तो रो पड़ोगे
मेहरबानी कर मुझसे मेरा हाल मत पूछो।
जीने का भ्रम पाले हुए रोज मरे जा रहे हैं
कैसे बीत रहे दिन, महीने,साल मत पूछो।
इश्क व ईमान में से किसी एक को चुना है
क्यूं है बंद उस लड़की से बोलचाल मत पूछो।
सबकी अपनी-अपनी मजबूरियां होती है
अब पेड़ से टूटी क्यूं है डाल मत पूछो।
चेहरे से ही अंदर का हाल समझ आता है
क्यूं बढ़ाएं है दाढ़ी,मुंछ,बाल मत पूछो।
जो भी है,जैसा भी है,सब ठीक है संजय
अब तबीयत से संबंधित सवाल मत पूछो।
संजय अश्क
पुलपुट्टा बालाघाट
©Sanjay Ashk
#HappyRoseDay