रात के 12 बजे
ये कोई कहानी नही है हकीकत है जो मेरे साथ बीती हे जब मे दिल्ली के आजाद नगर मे काम करता था मे एक वेल्डिग की दुकान पर काम करता था हम तीन लोग थे हमारा रहना खाना सब दुकान मे ही था दो दिन बीत गए तीसरे दिन रात मे अचानक मेरा पेट गडबड हो गया था समय था रात के 12.15 बजे मे उठा बाथरुम गया जैसे ही वापस सोने लगा तो मुझे कुछ आवाजे सुनाई दी जो सामने के घर से आ रही थी मेने अपने साथी को उठाया और कहा कुछ आवाजे आ रही है तो उसने कहा सोजा कुछ नही है वो सो गया पर मुझे निंद नही आई सुबह जब सेठ आया तो मेने सब बात बताई तो सेठ ने कहा उस घर की तरफ तुम ध्यान मत दो तो मेने कहा मे रात भर सो नही पाया बर्तन की आवाजे आ रही थी जो सुबह 5 बजे बन्द हुई तब सेठ ने कहा तुम सुन सकते हो तो सुनो जिसे तुम घर कह रहे हो दरासल वो एक बेकरी थी ब्रेड बनती थी उस मे आज से 2 साल पहले नाईट शिफ्ट मे करीब 12.15 बजे उस मे आग लग गई 45 लोग काम कर रहे थे उस मे से 16 लोग जल कर मर गए तब से ये बेकरी बन्द पड़ी है रात के 12 से 5 बजे तक आवाजे आती है तब मुझे यकीन नही हुआ तो शाम को मे सोया नही 12 बजे आवाजे आनी शुरू हो गई तो मे दुकान के छत पर गया ये देखने की आवाजे कोनसे मंजिल से आ रही है बेकरी 4 मंजिल थी तो मेने देखा व्हाइट कपडे पहने मुहू ढका मात्र आंखे दिख रही थी लाइट के उजाले मे सब कुछ साफ दिख रहा था वो सब काम कर रहे थे मेरे रोम रोम काफने लगा मे भाग कर निचे आया चुपचाप सो गया दूसरे दिन काम को किया अलविदा उस कॉलोनी ही छोड दिया
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©Babu lal
रात 12 बजे की शिफ्ट
#Rose