White बादल, झीलों, चंदा, जमजम तुम सबकी बिल्कुल दरकार नहीं है, जाओ तुम!
जुल्फ़ें, आँखें, चहरा, रूह लगे थे तुम से, वो अब यार नहीं है, जाओ तुम!
दूर नहीं हो जाए इस डर से जिसकी गलती भी चुप चुप सह लेते थे हम,
उसने कितनी आसानी से बोल दिया अब मुझको प्यार नहीं है, जाओ तुम!
चारण गोविन्द
#चारण_गोविन्द #CharanGovindG #actual_poet #Love #जुदाई #शायरी #Poetry #govindkesher
#love_shayari