सोचा था गमों की महफ़िल में खुशियों के कुछ लफ्ज़ बो | हिंदी Shayari

"सोचा था गमों की महफ़िल में खुशियों के कुछ लफ्ज़ बोलेंगे कमबख्त वहां तो लोगों के आंसुओं ने हमारी मुस्कुराहट ही छीन ली ...!!"

 सोचा था गमों की महफ़िल में
खुशियों के कुछ लफ्ज़ बोलेंगे
कमबख्त वहां तो लोगों के आंसुओं ने
हमारी मुस्कुराहट ही छीन ली ...!!

सोचा था गमों की महफ़िल में खुशियों के कुछ लफ्ज़ बोलेंगे कमबख्त वहां तो लोगों के आंसुओं ने हमारी मुस्कुराहट ही छीन ली ...!!

#findingyourself

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