White धीरे-धीरे
सब ख़त्म हो रहा है....
मैं,मेरा प्रेम
और मेरा मयार!!
बाकी है तो केवल..
तुम,तुम्हारी दिव्यता
और तुम्हारी याद..
जिसकी जड़ता
मुझे सम्भाले हुए है
जैसे तूफान मे बाँस की बल्लियाँ
काची मढ़ैय्या को..
सुनो फलानी..❣️
बस तनिक जोर
की जरूरत है इस काची मढ़ैय्या को
जिससे खुद का खुद में समाहित हो जाएगा
जैसे माटी का तन माटी में..!!
#अज्ञात
❣️❣️
©मलंग
#Couple