कृष्ण कहूं या कहूं कन्हैया ?
केशव कहूं या गोपाला ?
श्याम कहूं या नन्दलाला ?
इतने सारे रूप हैं तेरे !
किसको पूजूं प्रभू ओ मेरे ?
मेरी दुविधा दूर करो,
मुझे ना खुद से दूर करो!
आया हूं तेरे चरणों में,
मैं अज्ञानी भ्रमित हूं पथ से,
अंधकार ये दूर करो!
बीच भंवर में फसी हुई है
पार लगा दो जीवन की नैया।
कृष्ण कहूं या कहूं कन्हैया?
केशव कहूं या गोपाला?
©Rajat Singh
#janmaashtami