""वो दौर"
कुछ मनचली तितलियाँ,
कुछ बदहवास भंवरे।
दबी-दबी खिलखिलाहट,
दोस्तों में फुसफुसाहट।
चोर नजरों से ताकना,
मुस्कुराते हुए झांकना।
सहेलियों की चुहलबाजी,
यारों में बेफिक्री, मनमर्जी।
अक्सर मेरी नजरें
ठहर जाती है उन पर।
मुस्कुराकर सोचती हूँ,
ये दौर भी उम्र का
कितना सुहाना दौर था।
©@Vandana.Rawat"वन्दू""