तुम न समझ सकोगी ईन उल्फ़त के अफ़सानो को_समझ सकी तो | हिंदी Shayari

"तुम न समझ सकोगी ईन उल्फ़त के अफ़सानो को_समझ सकी तो द़िल्कशी-सी हो जाओगी..."

 तुम न समझ सकोगी ईन उल्फ़त के अफ़सानो को_समझ सकी तो द़िल्कशी-सी हो जाओगी...

तुम न समझ सकोगी ईन उल्फ़त के अफ़सानो को_समझ सकी तो द़िल्कशी-सी हो जाओगी...

#ankitmelodist #dilkashshayar ✒😉🎸

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