"किसी को है सफर का मजा..................... तो किसी को मंजिल कि तलाश है, है कोई ऐसा भी है जिसको बस बची हुई आस है। किसी है रैन बसेरा............................ तो कोई बनता फिरता है आवारा। कश्मकश में डूबी हुई जिंदगी किसी कि, तो किसी को राही वो मिला जो मंजिल सा दर्द में लिपटी है कहानी किसी कि तो अपनी कोई कहानी का किरदार खोज रहा.....
©Vikram
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