जब भी खाली होता हूँ तो, तेरी यादों का
एक सिलसिला- सा शुरू हो जाता है
हाय! तेरी वो किसी तारे की चमक सी भरी आँखे,
और वो तेरी अज़ीज़ मुस्कान
इक अलग झरोखा सा उभर आता है l
मुझे तुझसे अपने इश्क का इज़हार करना और तेरा वहाँ से शर्मा कर भाग जाना भी अज़बर है ,
मुझे वह तारिख, तेरे वो शब्द और वह शाम भी याद है जो मैंने तेरी बाहों में गुज़ारा था,
मुझे वह पल भी याद हैं जब चीख मैं रहा था तेरे जाने पर और तूने इक 'आह' भी न निकाला था l
©N.T. Novels
#uskiyaadmein (part-1)