"भूली बचपन की बातें यूं
याद आती है
एक एक धागा बनकर मानो
राखी की तारो मैं सिमट जाती है
उम्र से नही बिसरते वो
सुहाने पल
हर लम्हा वो
हमे अपना
अहसास कराती हैं
Hapoy raksha bandhan"
भूली बचपन की बातें यूं
याद आती है
एक एक धागा बनकर मानो
राखी की तारो मैं सिमट जाती है
उम्र से नही बिसरते वो
सुहाने पल
हर लम्हा वो
हमे अपना
अहसास कराती हैं
Hapoy raksha bandhan