समुन्द्र के किनारे लेहरे पुकार रही
क्षितिज के सहारे नभ से ताक रही
सन - सन सी हवाएं , डग-मग ये लेहरे
शतरंगी ये किरणें ठहरे हर भवरें
रेत की हर नफझ में तरंगों का महल हैं
जूलफों की ये वादियां चेहकती एक दोपहर हैं
मै तो राही हूँ, परिंदो सा मेरा ठिकाना है
ऐ जन्नत तेरे इश्क़ का जोगी है दिल
सपनों का एक किनारा है
मगन होजाता हूँ मैं तेरे इस रूप पर
भूल जाता हूँ अपना सारा दर्द
मेरा कल मेरा आज एक तू ही मेरा सहारा हैं
मेरा मस्जिद मेरा मंदिर मेरी दुनिया है तू
मैं जिंदा हूँ तुझसे मेरा सपना है तू
मेरा अपना है तू.... ❤️
#waiting #Sky #sunshine #Nature #jannat #mausam #alone #addiction #Ocean @shivani suryawanshi आशीष रॉय 🇮🇳 𝐒𝐢𝐥𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐨𝐫𝐝𝐬 Suman Zaniyan Tarannum Sana