"उम्र भर जिसको दिल में रखा
वहीं शख़्स मुझको मुश्किल में रखा
ख़ुदा कहाँ रखे कयामत की रात
तुम्हारे मुखड़े के तिल में रखा
मेरे आंसू तेल है मोहब्बत के
अच्छा हुआ इन्हें महफ़िल में रखा
क़त्ल करके मिज़ाज पूछता है
ये हुनर मेरे क़ातिल में रखा"
उम्र भर जिसको दिल में रखा
वहीं शख़्स मुझको मुश्किल में रखा
ख़ुदा कहाँ रखे कयामत की रात
तुम्हारे मुखड़े के तिल में रखा
मेरे आंसू तेल है मोहब्बत के
अच्छा हुआ इन्हें महफ़िल में रखा
क़त्ल करके मिज़ाज पूछता है
ये हुनर मेरे क़ातिल में रखा