इश्क़ के कतरे कतरे से रंग निचोड़ के देखा उसे मुठ्ठ | हिंदी Shayari
"इश्क़ के कतरे कतरे से रंग निचोड़ के देखा
उसे मुठ्ठी में कैद किया, और खाली बोतल में छोड़ के देखा।
उसमें महज़ लहु था, हम दोनों का
ये तो यूं हुआ,कि पहले आइना तोड़ा और फिर जोड़ के देखा।।"
इश्क़ के कतरे कतरे से रंग निचोड़ के देखा
उसे मुठ्ठी में कैद किया, और खाली बोतल में छोड़ के देखा।
उसमें महज़ लहु था, हम दोनों का
ये तो यूं हुआ,कि पहले आइना तोड़ा और फिर जोड़ के देखा।।