एक प्रेमिका थी हमारी वह शादी कर रही
थी बिन बताए हमसे हम दावत में पहुंचे
मैं अंदाजा नहीं लगा पाया और उसके कमरे में
गया तो देखा कोई दुल्हन के जोड़े में
तैयार थी तो सुनिए गा इतना क्यों सजाया
है खुद को कुछ अलग बात है क्या इतना
करीब क्यों आ रही हो हीजिर की
रात है क्या घर में बहुत चहल-पहल है
खुशियों की सौगात है क्या ए क्या देख रही हो खिड़कियों से तुम्हारी बारात है क्या
बिस्तर से खुशबू कुछ जानी पहचानी
आ रही है क्या मेरे ही गुलदस्ते के गुलाब है क्या
#dilbechara#
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