पहले था तुम्हारे ना होने का ग़म,
अब है तुम्हारे दूर जाने का ग़म।
तेरी मौजूदगी में कितने खुश थे,
तुमसे बिछड़कर है रोने का ग़म।
यादें तेरे संग बिताई थी मिल के,
कंधों पर है उनको ढोने का ग़म।
सिमट कर रोता हूं जहां रात भर,
कमरा ही जाने उस कोने का ग़म।
ग़म से पुराना कोई वास्ता है मेरा,
इसे है शायद मुझे खोने का ग़म।
ग़म तो पहले भी थे जिंदगी में कई,
उम्र भर रहेगा तेरे ना होने का ग़म।
©ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ (RAVI)
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