Year end 2023 अंजुमन में जब हम मिलेंगे
तो तमाशा भी होगा ,
अश्कों का सैलाब और जज़्बातो का मेला भी होगा।
वफ़ा बहौत थी तेरे मेरे दरमिया,
बेवफ़ा हमारे बीच ये वक्त ही होगा..।।
मालूम कहा था कि यूं बिछड़ जायेंगे ,
तेरे मेरे बीच में अब बस यादों के रंग ही रहेंगे..!
यूं तो बिखरकर फिज़ा में , अब बस महोब्बत ही रहेगी,
मौत ही मिलाएगी हमें 'अमन' अब कोई जुदाई न होगी..!
इमरानख़ान "अमन"
©imran pathan
अंजुमन में ..!