आज फिर वो मेरी खिड़की पर आया था, भोर का तारा बन कर, चाह थी भोर का तारा देखने की तो मेरा चांद भोर में सिंदूरी रंग चढ़ा कर आया था। #चांद_इश्क बाईसा_राज #चांद_इश्क Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto