"देखो भाई ऐसा है
ये दिल दर्पन जैसा है
मत कहना पत्थर हम को
ये दिल मोम के जैसा है
मेरा लहजा मत पूछो
'मीर'-ओ-'ग़ालिब' जैसा है
ज़ालिम हम से पूछ रहा
दर्द तुम्हारा कैसा है
शोहरत तलवे चाटेगी
पास में जिस के पैसा है
:-प्रशांत"
देखो भाई ऐसा है
ये दिल दर्पन जैसा है
मत कहना पत्थर हम को
ये दिल मोम के जैसा है
मेरा लहजा मत पूछो
'मीर'-ओ-'ग़ालिब' जैसा है
ज़ालिम हम से पूछ रहा
दर्द तुम्हारा कैसा है
शोहरत तलवे चाटेगी
पास में जिस के पैसा है
:-प्रशांत