"मोहब्बत कि धीमी आँच पर ,
चलो “इश्क़ वाली चाय” बनाते हैं
दूध के पैकेट जैसी इस ज़िंदगी में
तुम अपने प्यार कि थोड़ी मिठास घोल देना..
मैं अपनी शरारत भरी थोड़ी चायपत्ती मिला दूँगा
वक़्त की आग पर उबाल कर के...
होठों से होठों को मिलाकर के
“इश्क़ वाली चाय” की चुस्कियां लेंगे।"