ये सोच सोच कर खुद में ही घुटता रहता हूं, मन नहीं म | हिंदी शायरी

"ये सोच सोच कर खुद में ही घुटता रहता हूं, मन नहीं मानता तो उसकी insta activity देखता हूं। जब नहीं मिलती मुझे उसके insta में कोई activity, कुछ सोचता हूं, फिर दिमाग शांत करता हूं। फिर भी दिल नहीं मानता तो उसका whatsapp खोल chat read करता हूं। ©आवारा इंजीनियर"

 ये सोच सोच कर खुद में ही घुटता रहता हूं,
मन नहीं मानता तो उसकी insta activity देखता हूं।
जब नहीं मिलती मुझे उसके insta में कोई activity,
कुछ सोचता हूं, फिर दिमाग शांत करता हूं।
फिर भी दिल नहीं मानता तो उसका whatsapp खोल chat read करता हूं।

©आवारा इंजीनियर

ये सोच सोच कर खुद में ही घुटता रहता हूं, मन नहीं मानता तो उसकी insta activity देखता हूं। जब नहीं मिलती मुझे उसके insta में कोई activity, कुछ सोचता हूं, फिर दिमाग शांत करता हूं। फिर भी दिल नहीं मानता तो उसका whatsapp खोल chat read करता हूं। ©आवारा इंजीनियर

#Anger

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