हर बार मुझसे मेरी पहचान छीन लेते हो कभी माँ कभी प | हिंदी विचार
"हर बार मुझसे मेरी पहचान
छीन लेते हो
कभी माँ कभी पत्नी कभी बहु तो कभी बहन
के नाम पर मेरे हर शब्द को अनसुना कर जाते हो
ऐ पुरुष कभी मुझसे मेरी मर्जी भी पूछ ले॥"
हर बार मुझसे मेरी पहचान
छीन लेते हो
कभी माँ कभी पत्नी कभी बहु तो कभी बहन
के नाम पर मेरे हर शब्द को अनसुना कर जाते हो
ऐ पुरुष कभी मुझसे मेरी मर्जी भी पूछ ले॥