White है अथाह अंधकार, दिख रहा न पारावार!
समय रथ पे हो सवार, बढ़ के आगे आऊंगा!!
सृष्टि की तमस हरण को ,अपनी देह को बना मशाल मैं जलाऊंगा!!
गर चला गया यहाँ से, देह को मैं त्याग कर तो,
याद रख नया जनम ले, लौट कर मैं आऊंगा!!
लौट कर मैं आऊंगा!!!
लौट कर मैं आऊंगा!!!!!
©AMBIKA PRASAD NANDAN
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