हौसले बुलन्द थे इसलिए मंजिल तक पहुँचने में देर नही | हिंदी शायरी

"हौसले बुलन्द थे इसलिए मंजिल तक पहुँचने में देर नहीं लगी, शायद जन्नत की खूबसूरती को हमारा इन्तेज़ार था । -अतुलित कबीर ©Atulit Mishra"

 हौसले बुलन्द थे इसलिए मंजिल तक पहुँचने में देर नहीं लगी,
शायद जन्नत की खूबसूरती को हमारा इन्तेज़ार था ।
  -अतुलित कबीर

©Atulit Mishra

हौसले बुलन्द थे इसलिए मंजिल तक पहुँचने में देर नहीं लगी, शायद जन्नत की खूबसूरती को हमारा इन्तेज़ार था । -अतुलित कबीर ©Atulit Mishra

#जन्नत

#LostInNature

People who shared love close

More like this

Trending Topic