माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है किन | हिंदी Shayari

"माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है किन्तु डूबना मझधारों में साहस को स्वीकार नही है जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसन्धान न भूलें !! शील विनय आदर्श श्रेष्ठता तार बिना झंकार नही है शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतीक आधार नहीं है कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले !!"

 माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है
किन्तु डूबना मझधारों में साहस को स्वीकार नही है
जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसन्धान न भूलें !!

शील विनय आदर्श श्रेष्ठता तार बिना झंकार नही है
शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतीक आधार नहीं है
कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले !!

माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है किन्तु डूबना मझधारों में साहस को स्वीकार नही है जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसन्धान न भूलें !! शील विनय आदर्श श्रेष्ठता तार बिना झंकार नही है शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतीक आधार नहीं है कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले !!

#corona ,

People who shared love close

More like this

Trending Topic