मिज़ाज ना पूछो हमारा हम सताएं
हुए है
ज़ख्म ही ज़ख़्म दिल पर हम खाए
हुए है
रूह शिकस्ता है मगर फिर भी सजाए
हुए है
हम दर्द में अपने ही मुद्दत से नहाए
हुए है
चेहरे पर फिर भी हम मुस्कुराहट को
सजाए हुए है
ज़ख्म ही ज़ख्म है जो रूह पर हम
सजाए हुए है
सांस थम जाएगी एक दिन सुकून आ
जाएगा
एक आस हम अब बस यही लगाए
हुए है
©Sydakhtrr
#walkalone