एक स्त्री अपनी कलाई से घिसा हुआ आस्था का धागा | हिंदी कविता Video

" एक स्त्री अपनी कलाई से घिसा हुआ आस्था का धागा सालों तक नहीं उतारती ... (जो लाल रंग से अब बेरंग हो चला है ) क्योंकि उसका प्रेम इबादत है ! एक लड़का भगवान की तस्वीर की जगह अपनी प्रियतमा का रूमाल बटुए में दबाए रखता है, क्योंकि प्रेयसी की याद का वह टुकड़ा ही है जो उसके पास है ..! एक लड़की गले में चांद का लॉकेट पहने रखती है .. और कहती है "यह मेरा मंगलसूत्र है ", क्योंकि चांद ही उसका मेहबूब है ..! प्रेम ऐसा ही होता है ... आग की दरियाओं से बेखौफ़ टकरा जाने वाले प्रेमी नाज़ुक रेशम के धागों में, स्वेच्छा से , ताउम्र बंधे रहते हैं .. मीनाक्षी ©Meenakshi "

एक स्त्री अपनी कलाई से घिसा हुआ आस्था का धागा सालों तक नहीं उतारती ... (जो लाल रंग से अब बेरंग हो चला है ) क्योंकि उसका प्रेम इबादत है ! एक लड़का भगवान की तस्वीर की जगह अपनी प्रियतमा का रूमाल बटुए में दबाए रखता है, क्योंकि प्रेयसी की याद का वह टुकड़ा ही है जो उसके पास है ..! एक लड़की गले में चांद का लॉकेट पहने रखती है .. और कहती है "यह मेरा मंगलसूत्र है ", क्योंकि चांद ही उसका मेहबूब है ..! प्रेम ऐसा ही होता है ... आग की दरियाओं से बेखौफ़ टकरा जाने वाले प्रेमी नाज़ुक रेशम के धागों में, स्वेच्छा से , ताउम्र बंधे रहते हैं .. मीनाक्षी ©Meenakshi

#srijanaatma #सृजनात्मा

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