White पल्लव की डायरी
बिगड़ी सूरत नैतिकता की
सामान्यजन धोखा खा रहे है
विपरीत परिस्थिति घर कर गयी
चोट सब दिल खा रहे है
अराजक हो गये सत्ता के सब सोपान
डिप्रेशन में आम जन जा रहे है
घायल दिल आह भरे है
टूट कर मौत के मुँह में जा रहे है
दास्ताने दिल बहाते थे प्रेम प्यार की गंगा
आज वो व्यवस्थाओ से कराह रहे है
बन गये डॉक्टरों की प्रयोगशाला
चीर फार कर शोध पत्र
अटैक के रूप में आ रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#lung_cancer दास्ताने दिल बहाते थे प्रेम प्यार की गंगा,आज वो अटैक के मुँह में समा रहे है
#nojotohindi