मोहब्बत है क्या चीज़ लब खामोश दिल में बस आता एक सवाल है,
ना कोई पास फिर भी ना जाने ये कैसा एहसास है,
महफिलें अनेक सजती,लेकिन मन में एक ख्याल है,
उसकी चाहत का ना कोई इजहार, ना इनकार है।
हम कैसे मान बैठे उनको प्यार हा या इनकार है
हम कैसे कहें , ये हमारा उनसे इकतरफा प्यार है ।
©Dayal "दीप, Goswami..