जय मां अम्बे जगदम्बे भवानी,
तु दुर्गा श्यामा जगत महारानी।।
शैलपुत्री बृषांरूढ़ा यशस्विनीम्,
शुलधरां चन्द्रर्धकृतशेखराम शुभ फल प्रदायिनीम्।।
ब्रह्मचारिणी मां तु तपशचारिणी ।
तु उमा ज्योतिर्मयी विंध्यवासिनी ।।
चंद्रघंटा मां दसभुजी अस्त्र-शस्त्र विभुषित।
तेरे चणडध्वनी से अत्याचारी रहें प्रकंपित।।
कुष्मांडा मां तेरी कान्ती देदीप्यमान और भास्कर।
तेरी उपासना को रहें हम अहर्निश और अग्रसर।।
स्कंदमाता तु ममत्व स्वरुपिणी मां तु पद्मासिनि।
भक्तजनों की अदृश्य भाव से रक्षिणी।।
कालरात्रि काली खप्परधारी भयंकरी।
माता सब संन्तन की (करती कार्य) शुभंकरी।।
महागौरी तु शिवप्रिया पार्वती दुःख हर्ता।
सर्वशान्ति दात्री विश्व की कल्याणकर्ता।।
सिद्धिदात्री सर्वकामवसायिते।
अनिमा लघिमा मां नारि शक्ति नमस्तुते ।।
जय मां अम्बे जगदम्बे भवानी।।।
जो कोई नर सम्पूर्ण नवदुर्गा मंगल हैं गातें।
लांगुर के समान भक्ति और शक्ति हैं पातें।।
(सिन्टु सनातनी फक्कड़, "धनबाद ")
©सिन्टु सनातनी "फक्कड़ "
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