छुनुर - छुनुर तोर पाँव के पइरी सुरता सताथे घेरी अउ | हिंदी कविता

"छुनुर - छुनुर तोर पाँव के पइरी सुरता सताथे घेरी अउ बेरी निक लागे तोर नाक के नथनी सुग्घर जोड़ी साजन के सजनी मँय लबधिया ओ... झांझनगर के तीर मा रथंव। (५) ©PK Pappu Patel"

 छुनुर - छुनुर तोर पाँव के पइरी
सुरता सताथे घेरी अउ बेरी
निक लागे तोर नाक के नथनी
सुग्घर जोड़ी साजन के सजनी
मँय लबधिया ओ...
झांझनगर के तीर मा रथंव। (५)

©PK Pappu Patel

छुनुर - छुनुर तोर पाँव के पइरी सुरता सताथे घेरी अउ बेरी निक लागे तोर नाक के नथनी सुग्घर जोड़ी साजन के सजनी मँय लबधिया ओ... झांझनगर के तीर मा रथंव। (५) ©PK Pappu Patel

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