किसी की मर्जी को अपनी किस्मत बना चुके है हम अपनी | हिंदी Shayari

"किसी की मर्जी को अपनी किस्मत बना चुके है हम अपनी हाथो की सारी लकीरे मिटा चुके है अब तुम्हे कभी याद आये तो याद करलेना पर हम तो तुम्हे किसी और की बेगम मान चुके है ©Rahul Singh Bhadouria"

 किसी की मर्जी को अपनी किस्मत बना चुके है 
हम अपनी हाथो की सारी  लकीरे मिटा चुके है 
अब तुम्हे कभी याद आये तो याद करलेना पर 
हम तो तुम्हे किसी और की बेगम  मान चुके है

©Rahul Singh Bhadouria

किसी की मर्जी को अपनी किस्मत बना चुके है हम अपनी हाथो की सारी लकीरे मिटा चुके है अब तुम्हे कभी याद आये तो याद करलेना पर हम तो तुम्हे किसी और की बेगम मान चुके है ©Rahul Singh Bhadouria

#Heart

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