पल्लव की डायरी
आकर्षण और सजावट के फेर में
मनचले मेले के भरम में फँस जाते है
भीड़ देखकर,सफलता के पैमाने नही कहे जाते है
जोड़ तोड़ और डर दिखाकर
भीड़ जुटा कर मेला लगा लेना
आस्था और लगाव नीतियों से नही होता है
कब बोझ बन जाये सियासत के लिये
ऐसे लोगो से,भला किसी का नही होता है
भरम पाले बैठे है विपक्ष कमजोर होगा
गंगा में जल निकाल लेने से
उसका प्रवाह और अस्तिव कम नही होता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#mela भरम पाले बैठे है विपक्ष कमजोर होगा
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