शिद्दत से तो आसमां मैंने भी देखा था
फिर क्यों मेरी ही दुआएं बेअसर हो रही है उसमें
बरसात तो पूरे गांव में आईं थीं ना शायद
फिर क्यों सिर्फ मेरा ही घर बह गया उसमें
मिलता तो बोहोतो से हूं ना मैं हर रोज
फिर क्यों तू ही बाकी रह जाती है हर रात मुझमें
©Paras Sindhu
#untoldfeelings❤️