इतने बरसे कि, अब तरस रहे हैं नयन आँसुओं को, अब य | हिंदी शायरी

"इतने बरसे कि, अब तरस रहे हैं नयन आँसुओं को, अब याद आये उनकी तो, होंठ मुस्कुरा जाते है। ©Prakhar Saxena"

 इतने बरसे कि, अब तरस रहे हैं
 नयन आँसुओं को, 
अब याद आये उनकी तो,
 होंठ मुस्कुरा जाते है।

©Prakhar Saxena

इतने बरसे कि, अब तरस रहे हैं नयन आँसुओं को, अब याद आये उनकी तो, होंठ मुस्कुरा जाते है। ©Prakhar Saxena

#Love #cry
#lonely

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