उसे फुर्सत ही न मिली पढ़ने की..... और हम उसके शहर | हिंदी Shayari

"उसे फुर्सत ही न मिली पढ़ने की..... और हम उसके शहर में बिकते रहे किताबो की तरह..... by- Ekta yaduvanshi ©Ekta yadav"

 उसे फुर्सत ही न मिली पढ़ने की.....

और हम उसके शहर में बिकते रहे किताबो की तरह.....

                        by- Ekta yaduvanshi

©Ekta yadav

उसे फुर्सत ही न मिली पढ़ने की..... और हम उसके शहर में बिकते रहे किताबो की तरह..... by- Ekta yaduvanshi ©Ekta yadav

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