उसका बदल जाना,
और मुझे कह जाना,
गए बदल तुम जाना,
ठीक नहीं ये जाना,
अब उस शख्स को मैन,
यानी सही है जाना।
पर अबके जो जाना,
जान यादें ले जाना,
इनके साथ ही जाना,
अकेला छोड़ जाना,
मैं रह लूंगा जाना,
दर्द सह लूंगा जाना,
कसमें खायीं थीं तेरी,
तोड़ दूँगा मैं जाना।
ये रूप जो तेरा,
लगे तुझे है खजाना,
ये किसी का नहीं है,
उम्र संग है ये जाना,
इसी को तू रख ले,
बढ़ा ले खजाना,
जब मुट्ठी खुलेगी,
रह कुछ नहीं जाना।
मुझ को इतना बताना,
कैसे लाती है जाना,
ये झूंठे बहाने,
क्यो बनाती है जाना,
जिस दिन सच ने ठाना,
तबाह कर जाना,
ठहर पाएगी न एक पल,
इसके सामने जाना।
मेरा इतना है कहना,
है तुझे ये बताना,
छोड़ दे मेरी जाना,
दिलों से खेल जाना,
ये दिल रोया कितना,
तुझे क्या बताना,
दर्द इस दिल का मेरे,
तुझे क्या दिखाना,
तू हँसता है टूटे,
दिल को देख जाना,
रोयेगा एक दिन तू,
जब टूटेगा दिल जाना,
उस दिन समझेगा तू,
इस खेल को जाना,
जीता कोई न इसमें,
मात इसमें है खाना,
दर्द सहना पड़ेगा,
तुझे भी ये जाना।
मुझसे कहना पड़ेगा,
माफ़ कर देना जाना।
माफ़ कर देना जाना।
माफ़ कर देना जाना।
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प्रत्यक्षप्रवाह
©Pratyaksh Deo Tyagi
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