कुछ चीजें भोर से अत्यधिक
रात्री में सौन्दर्यपूर्ण होते हैं
जैसे में,
पूर्णमासी का चांद
तारिकाओं से भरा गगन
उमड़ती आकाशगंगाएं
बहती मंद शीतल बयार
झील का किनारा
उसमें भरे कमल के फूल
किनारों पे बैठे हम
तुम्हारे कांधों पे मेरा सिर
मैं डुबी अपनी कल्पनाओं में
गढ़ती कुछ अधुरे गीत
तुम्हारा स्वरुप प्रेममय
किन्तु मौन
और इस दिव्य वातावरण की
मिलती अनुभूतियां!
©NIDHI SINGH SONAM
#Love