नन्हे से तुम नन्हे से तेरे कदम
चलते हुए थामते मेरा हाथ हरदम |
अपने पैरों पर चलना हम सिखाते है
जाने अपने पैरों पर खड़े हो कर क्यूँ भूल जाते है|
तब देते हो हाथ छोड़
और रिश्ता भी देते हो तोड़ |
बस रेहता है एक बात का गिला
सहारा देने वालों को क्यूँ सहारा ना मिला |
©Vasudha Uttam
#bachpan #Thoughts