हे कृष्णा सदियो पहले तुमने सबको पवित्र
प्रेम सिखलाया पर कलयुग ने पवित्र प्रेम में
स्वार्थ का विष हे घुलाया
तुमने अपनी गीता में सबको आत्मा समझने
का उपदेश दिया देखो सब भुल मानव ने बस
शरीर से ही प्रेम किया
फिर एक बार आजाओ कान्हा मुरली मधुर
सुना जाओ पाप का राग भुलाके जग को प्रेम
की धुन सिखला जाओ।
©Vaani